अब आपके खाते में नहीं आएंगे एलपीजी गैस सब्सिडी, ये है बड़ी वजह
बैंक ने एलपीजी गैस की सब्सिडी देने के नियमों में कुछ बदलाव किया है। इस नियम के तहत उन्हीं उपभोक्ताओं को एलपीजी गैस सब्सिडी दी जाएगी जिनके बैंक एकाउंट में न्यूनतम बैलेंस तीन हजार रुपए होना चाहिए। हाल ही में शहर में लोगों ने इसकी शिकायत गैस कंपनी से की थी की उन्हें एलपीली सब्सिडी नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं बैंक पेनाल्टी के तौर पर आपके खाते से राशि काट लेती है। इसके आलवा एलपीजी सब्सिडी नहीं आना आधार लिंकिंग के अलावा ये अन्य कारण हो सकते हैं। जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है..
बड़ी संख्या में खाते हुए इनएक्टिव
प्रशासन ने बड़ी मात्रा में जनधन खाते खुलवाए। इसके बाद इन्हीं खातों में उज्ज्वला योजना के तहत प्रदाय गैस सिलेंडर की सब्सिडी की राशि को क्रेडिट किया जाने लगा। लेकिन वर्तमान में जनधन के बड़ी संख्या खाते इनएक्टिव हो गए हैं। जिसके कारण ऐसे खातों में सब्सिडी की रकम नहीं पहुंच रही है, बल्कि बैंक में ही अटकी रहती है। खाते को बैंक द्वारा फिर एक्टिव किया जाता है। तभी सब्सिडी की रकम जमा होती है। जानकारी के अभाव में लोगों को सब्सिडी की राशि नहीं मिल रही है। लोग बहुत परेशान हैं।
आधार भी बना सब्सिडी का दुश्मन
जिला प्रशासन के दावों की मानें तो जिले में हर एक व्यक्ति को आधार से जोड़ दिया गया है। लेकिन वास्तविकता इससे जुदा है। अब भी लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं। तो कुछ ऐसे भी हैं। जिनके आधार कार्ड बने तो हैं। लेकिन उन्हें मिले नहीं हैं। सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड बैंक के साथ गैस एजेंसी में जमा करना अनिवार्य है। दोनों स्थानों पर आधार जमा नहीं है, तो सब्सिडी प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
जनधन योजना के बाद थोक मेें बढ़े उपभोक्ता
उज्ज्वला योजना के तहत उपभोक्ताओं को 200 रुपए में कनेक्शन के साथ चुल्हा व भरा हुआ गैस सिलेंडर शासन द्वारा प्रदाया किया जाता है। जबकि भरा सिलेंडर हितग्राही के नाम से जारी होने के बाद उस पर मिलने वाली सब्सिडी की राशि भी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में पहुंच जाती है। इस तरह उन्हें शासन को 200 रुपए चुकाने के बाद सब्सिडी में 309 रुपए मिल जाते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए लोगों में होड़ मची हुई है। उज्ज्वला योजना लागू होने के बाद जिले में एलपीजी उपभोक्तओं की संख्या में दोगुनी हो गई है। इसलिए नियमित अंतरालों पर तरह-तरह की समस्याएं पैदा हो जती है।